सुधरे व्यक्ति ,समाज व्यक्ति से ,राष्ट्र स्वयं सुधरेगा - आचार्य श्री तुलसी
इस पर्व को भी आजद भारत के जन्मदिवस के रूप में पूरे दिल से उत्साह के साथ मनाएं। स्वतंत्रता का मतलब केवल सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता न होकर एक वादे का भी निर्वाह करना है कि हम अपने देश को विकास की ऊँचाइयों तक ले जायेंगें।
हो चित्त जहाँ भय-शून्य, माथ हो उन्नत हो
ज्ञान जहाँ पर मुक्त, खुला यह जग हो
इसी भावना के साथ भारत वर्ष के 68 वें स्वतंत्रता दिवस कि हार्दिक शुभकामनाए-
तेयुप किशनगंज(बिहार)
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