Terapanth Yuvak Parishad (TYP) Kishanganj is member of Akhil Bhartiya Terapanth Yuvak Parishad. TYP Kishanganj is representative of Jain Dharma.
Monday, 6 January 2014
Sunday, 5 January 2014
Kishanganj Anuvarat Sankalp Yatra
अणुव्रत संकल्प यात्रा - किशनगंज बिहार
समणी ज्योति प्रज्ञाजी एवं मानस
प्रज्ञाजी के सान्निध्य में चल रही ईस्ट जोन
कि अणुव्रत संकल्प यात्रा आज ०५/०१/२०१४ किशनगंज मैं आ रही है.
संवादसूत्र : किशनगंज शहर में अणुव्रत संकल्प यात्रा रथ पहुंचने को लेकर को तेरापंथ समाज की ओर से शोभायात्रा निकाली गई। समणी ज्योति प्रज्ञाजी ने कहा कि आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी समारोह 2013 के
मद्देनजर गत 24 नवंबर को कोलकाता से पूर्वांचल अणुव्रत संकल्प यात्रा रथ रवाना हुआ। आज रविवार ०५/०१/२०१४ को किशनगंज बिहार शहर में प्रवेश हुए रथ का जोरदार स्वागत किया गया। इसे लेकर रविवार को विशाल शोभायात्रा निकाली गई। जो शहर के विभिन्न स्थानों का परिक्रमा कर स्थानीय तेरपंथ भवन पहुंची। जहां रथ का स्वागत किया गया। यात्रा रथ में चल रही समणी ज्योति प्रज्ञाजी ने आचार्य तुलसी जी के आदर्शो को दर्शाते हुए
कहा कि वे जन कल्याणी आचार्य थे। वे अंतिम सांस तक मानवता की सेवा में लगे रहे। अणुव्रत का अर्थ है : समाज में बुराई रुपि रावण को अंत करना।
अणुव्रत संकल्प यात्रा - किशनगंज Anuvarat sankalp yatra Kishanganj Bihar
अणुव्रत संकल्प यात्रा - किशनगंज
Sunday 05/01/2014
समणी ज्योति प्रज्ञाजी एवं मानस
प्रज्ञाजी के सान्निध्य में चल रही ईस्ट
जोन कि अणुव्रत संकल्प यात्रा के तहत मनमोहक
रैली कि कुछ झलकियां जिनमे बच्चों का उत्साह देखने
लायक था ।
Thursday, 14 November 2013
Sep 29 2013
किशनगंज: तेरापंथ भवन में अणुव्रत समिति द्वारा आयोजित सांप्रदायिक सौहार्द दिवस सह सर्वधर्म सम्मेलन के दौरान हिंदू, मुसलमान, सिख व इसाई धर्मगुरुओं ने जहां लोगों को मनावता का पाठ पढ़ाया वहीं दूसरी तरफ तेरापंथ समाज के साध्वी प्रमिला कुमारी ने कहा कि नैतिकता के बगैर हमारा समाज व देश आगे नहीं बढ़ सकता. साध्वी ने कहा कि सभी धर्मो में अहिंसा पर विशेष बल दिया है. उन्होंने कहा कि नैतिकता हमारे जीवन का आधार है. इसकी उपेक्षा करके समस्या नहीं सुलझ सकती है. साध्वी ने कहा कि नैतिकता की उपेक्षा करके जिस भौतिक विकास की कल्पना की जा रही है, वह समस्या को सुलझा नहीं सकती. साध्वी ने कहा कि आज हमारे देश में जैसे हालात है उनमें यह समभाव या समन्वय और भी जरूरी है. अणुव्रत आंदोलन के प्रवर्तक आचार्य तुलसी सर्वधर्म समभाव के पुरोधा थे.साध्वी ने कहा कि शराब मुक्ति के लिए भी सभी धर्म के लोगों को एक साथ मिलकर अभियान चलाने की जरूरत है. तभी समाज व देश का भला हो सकता है. सांसद मौलाना असरारूल हक कासमी ने कहा कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना. उन्होंने कहा कि इस्लाम शांति, एकता व भाईचारे की मिसाल है. सभी धर्म हमें एकता, भाईचारा व प्रेम की शिक्षा देते है. उनमें हम कितना ग्रहण कर पाते हैं, यह चिंतन का विषय है. उन्होंने कहा कि शराब इंसान के अखलाक को खराब कर देता. शराब सभी बुराई और बेहयाइ की जड़ है. कहा नशे से पहले परिवार, फिर समाज और बाद में देश प्रभावित होता है. शराबी अकेला अपना नहीं बल्कि पूरे देश का अहित करता है.विधान पार्षद डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि भौतिक उपलब्धि के साथ साथ मनुष्य के जीवन में मानवीय गुणों का समावेश होना चाहिए. सभी को अपने जीवन व्यवहार में प्रेम शांति व सर्वधर्म समभाव एवं सेवा भावना का संतुलन बनाकर चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जीवन में कुछ कार्य देश व समाज के लिए करना चाहिए. इसकी शुरूआत खुद को करनी होगी तब जाकर समाज व देश में सुधार होगा. उन्होंने इशारे-इशारे में राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि समाज को बांटने वालों के हाथों में देश का बागडोर है. जिप अध्यक्ष कमरूल होदा ने कहा कि सभी धर्म एक समान है. सभी धर्मो में मानवता, प्रेम, अहिंसा, सच्चई पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि किशनगंज सर्वधर्म व गंगा-यमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है. यहां सभी धर्म के लोग आपस में मिलकर एक-दूसरे के दुख व सुख में शरीक होते है. बिहार दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष त्रिलोक चंद्र जैन ने कहा कि विश्व में श्रद्धालु भले ही अपने धर्म ग्रंथो में वर्णित महामंत्रों को जीवन का उद्धार ाक सार समझते हो पर असलियत यह है कि प्रेम ही जीवन का महामंत्र है. उन्होंने साध्वी द्वारा उठाये गये नशा मुक्ति पर कहा कि एक ओर तो सरकारी तंत्र नशा करने वालों शराब पीने वालों को जेल भेज दिया करते है और दूसरी ओर शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी करते है. सरकारी की दोहरी नीति के कारण देश को खोला कर रहा है. गुरूद्वारा कमेटी के सचिव सरदार लक्खा सिंह ने कहा कि सभी धर्मग्रंथ मानवता को सत्य व धर्म की राह पर चलते रहने की प्रेरणा देते है. गुरू ग्रंथ साहिब ऐसा ही महान संकलन है जिसके द्वारा समाज को सर्वधर्म समभाव की सीख मिलती है. उन्होंने कहा कि गुरू ग्रंथ साहब में छह गुरूओं के अलावे भक्त जयदेव, भक्त त्रिलोचन, नामदेव, साधना, रामानंद, धन्या, रविदास, सूरदास, परमानंद, शेख फरीद, संत कबीर की वाणी है. जिससे पता चलता है कि गुरूनानक के घर में जाति-धर्म का कोई भेद नहीं. वहीं ब्रrा कुमारी सुमन बहन ने कहा कि परोपकार से बढ़कर दूसरा कोई धर्म नहीं. रामवतार जलान ने कहा कि इंसान अच्छा है तो दुनिया भी अच्छी है. व्रिजमोहन व्यास ने कहा कि सभी धर्मो का आदर करना चाहिए. इसाई समुदाय के ए के जुलियाना ने कहा कि दूसरों को सुख देने के लिए स्वयं कष्ट सहना सीखे. इसके अलावे कबीरपंत, गायत्री परिवार के अलावे संतमत सत्संग के प्रतिनिधि ने भी संबोधित किया. इस मौके पर अणुव्रत समिति के अध्यक्ष व उद्योगपति राजकरण दफ्तरी, सचिव कमल कोठारी, तेरापंथ समाज के सचिव हनुमान श्रीमाल,तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष मनीष दफ्तरी, मंत्री प्रकाश बोथरा आदि सदस्य मौजूद थे. जबकि मंच संचालन कमल छोरिया ने किया.
Monday, 11 November 2013
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